कपिलदेव मौर्य
जौनपुर- जिले के भू माफिया गरीबो की जमीन हड़पने के लिए माहिर है तो राजस्व बिभाग के एेसे कर्मचारी जिनके हाथ मे राजस्व अभिलेख होते है वे सरकारी जमीनो को हड़पने का एेसा खेल करते है कि ईस्वर या खुदा भी बेखबर रहे जी हॉ एेसे ही एक कारनमे का खुलासा सरकारी अभिलेख का गहन निरीक्षण करने के बाद हुआ है कब्जा मिले न मिले लेकिन राजस्व बिभाग मे लेखपाल पद से सेवा शुरू करने वाले वर्तमान मे रजिस्ट्रार कानुनगो पद पर आसीन राजस्व कर्मी ने इस तरह का हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया है
जी हॉ हम बात कर रहे है रजिस्ट्रा कानूनगो पद पर आसीन राजस्व कर्मी राजेश श्रीवास्तव की जो बतौर लेखपाल इस बिभाग मे सेवा रत हुए और सदर तहसील मे अपनी नौकरी शुरू किये शहरी क्षेत्र का प्रभार भी इनके ही पास था मजेदार बात यह भी बता दे कि इन्होने अपनी नौकरी पूरी लगभग सदर तहसील मे बिता दिया यही से अवकाश भी लेने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है
इस राजस्व कर्मी ने खुद को लेखपाल पद पर तैनाती के समय ही सदर तहसील का गेट व परिसर जिसका नम्बर 515 है और क्षेत्रफल 0.676 हे० है को सरकारी अभीलेख मेअपने चचेरे भाई कमलेश पुत्र राधे सहित स्वयं राजेश कुमार व सगे भाई अनिल कुमार व मनोज कुमार पुत्रगण हृदय नरायन श्रीवास्तव के नाम से दर्ज कर लिए है जो बर्तमान खतौनी के खाता संख्या 174 पर दर्ज है इस नंबर पर तहसील बर्तमान मे विद्यमान है
इसके अलांवा वर्तमान मे मौके पर झील नया पुल एवम गोमती नदी जिस नंबर पर है वे नंबर क्रमशः आ० नं० १४/०-०४५, २०/०-०४५,७७/०-६५,१५७/०-०५३,१५९/०-०२८,३२२/०-०१६,५४३/०-०१२,५७५/०-०१२ कुल ९ गाटा ० -९५२ हे० जमीन सरकरी अभीलेख मे अपना एवं अपने भाईयो का नाम दर्ज कर लिया है जो खाता सं० 174 पर एक साथ दर्ज है
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि राजेश उपरोक्त आदि ने झील की जमीन पर दर्ज अपने नाम के आधार पर एक चिकित्सक को रजिस्ट्री कर मोटी धनराशि भी कमाया है जिसपर डाक्टर का आलीशान नर्सिगं होम भी बन चुका है किसी को कानो कान भनक तक नही लगसकी है
सरकारी अभीलेख मे उपरोक्त सभी का नाम किस के आदेश से दर्ज हुआ इसका उल्लेख कही भी नही है माना जा रहा है कि राजेश स्वयं इसी क्षेत्र के लेखपाल थे अभिलेख उन्ही के पास था किसी बहाने उच्चाधिकारी कानूनगो से दस्तखत करा कर रिकार्ड मे अपना नाम दर्ज कर लिया है
मजेदार बात यह भी है कि जब से खतौनी मे उपरोक्त जनो का नाम दर्ज है उसके पहले के अभिलेख रिकार्ड रूम से गायब है जिसमे उपरोक्त के नाम है वही से अब तक के अभिलेख मिलेगे जो इस बात का संकेत करता है कि एक बड़ी साजिस के तहत इस फ्राड के खेल को अंजाम दिया गया है जिसका किसी को भनक तक नही लग सका है
जिले के प्रशासनिक अधिकारी भु माफियाओ पर अपनी नजर रखते है लेकिन सरकारी भू माफिया राजस्व कर्मीयो पर उनकी नजर नही क्यो जबकी इनके द्वारा एेसा कारनामा किया जाता है कि कोई सोच नही सकता है अब एक सवाल है कि जब राजस्व कर्मी के कृत्य की पोल खुल गयी है तो जिले के हुक्मरान कोई कार्यवाही करेगे या नही करगे तो कब तक एेसे लोग सलाखो के पीछे होगे यह भी कहना है कि यदि और भी गहन छानबीन होगी तो कई और भी राजस्व कर्मी ( लेखपाल या कानूनगो ) के कारनामो की पोल का खुलासा सम्भव है,आवाम सरकारी जनो की समीक्षा कर सकती है।