जौनपुर पुलिस ने कल रात एक अभियान चलाकर अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री का भण्डाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में अवैध शराब व शराब बनाने के उपकरण सहिता पीकअप जीप और दो टैªक्टर बरामद किया है। बरामद शराब की कीमत 40 लाख रूपये बतायी जा रही है। पुलिस के हत्थे चढ़े दो तस्करो के बयान पर पांच शराब माफियाओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसपी ने बताया कि ये लोग पूर्वाचंल के शराब माफिया शिव पूंजन सिंह गुर्गे है। वह जलालपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। एसपी इस काण्ड का पर्दाफास करने वाली टीम को पांच हजार रूपये इनाम दिया है।
पुलिस अधीक्षक के.के. चौधरी ने प्रेस को बताया कि बीती रात करीब 12.30 बजे चौकी प्रभारी सतहरिया अरविन्द सिंह तथा हमराही पुलिस बल द्वारा सतहरिया बाई पास तिराहे से एक पिक अप में गाजियाबाद से लाया जा रहा कुल 10 ड्रम ओ.पी. करीब 2000 लीटर बरामद हुआ, जिसके चालक से कड़ाई से पूछताछ करने पर मिली जानकारी और निशांदेही पर पुलिस टीम ने थानाध्यक्ष जलालपुर तहसीलदार सिंह के नेतृत्व में आज सुबह 05.30 बजे ग्राम लोहगाजर में शिवपूजन सिंह के भट्ठे के पास अवस्थित दो मंजिला पक्के मकान में संचालित करीब 10 लाख रूपये की कीमत से तैयार अवैध जहरीली शराब फैक्ट्री का भण्डाफोड़ करते हुए गिरोह के सक्रिय सदस्य चन्द्रपति को गिरफ्तार किया गया।
इस घटना की सुचना जब एसओ जलालपुर तहसीलदार सिंह ने मय फोर्स लोहगाजर गाँव के शिवपूजन सिंह के भट्टे पर टीम ने दबिश दी तो पुलिस को भी नहीं पता था की उनके नाक के निचे इतने बड़े पैमाने शराब बनाया जा रहा है जिसकी भनक पुलिस को भी नहीं थी , पुलिस की छापेमारी दौरान दो शराब तस्कर ,भारी मात्रा शराब बनाने के उपकरण , करीब १५२ पेटी कच्ची देशी शराब,तस्करी के लिए ले आने और ले जाने लिए एक पिकअप ,दो ट्रैक्टर ट्राली सहित , पुलिस ने सभी बरामद शराब की कीमत दस लाख और सभी उपकरण और वाहनों की कीमत लगभग चालीस लाख रूपये आकि गयी है।

बता दे की पुलिस कप्तान के० के ० चौधरी ने इस सराहनीय खुलासे से खुश हो होकर खुलाशा करने वाली टीम को पांच हजार इनाम देने की घोषणा की है ,इस खुलासे में एक बड़ी बात यह है की जो मुख्य आरोपी है वो जलालपुर थाना क्षेत्र का हिस्ट्री शीटर है और उसके बाद भी वह अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है और देखना यह की एसओ जलालपुर इस चैलैंज कैसे लेते है की इस बड़े शराब तस्कर को पकड़ने में कितना समय लेते है या फिर पुलिस के हाथ निराशा ही लगेगी,लेकिन तेज तर्रार एसओ तहसीलदार सिंह के हाथो से मुख्य आरोपी कब तक बचते है ये तो वक्त ही बताएगा ?