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जौनपुर तिलक तराजू और तलावर इनको मारो जूते चार इस पर क्या बोला रवि किशन गोरखपुर 24UPNEWS.COM पर

गिरीश यादव के 5 कुनबे पर शाहगंज के विधायक ललई यादव का पलटवार कहा जिसके पास धनियां बोने की जगह नही वो कई जनपदों में भ्रष्टाचार कर अपने रिस्तेदारो के नाम से जो कर रहा है उसका जवाब जल्द मिलेगा,लोकतंत्र में पहला व आखिरी सीट होगा-शैलेन्द्र यादव 'ललई'


जौनपुर-कल डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा की जनसभा में जौनपुर के राज्यमंत्री गिरीश यादव ने कहा कि जौनपुर में 5 कुनबे पर जनसभा में बोला था,जिसपर आज सपा के विधायक शैलेन्द्र यादव ललई ने पलटवार करते हुए बिगड़े बोल और कहा कि उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, आज कुनबे पर बोल रहा है वो उसके पास धनिया बोने की भी जगह नही थी,बनारस से लेकर दूर दूर तक कई जनपदों में अपने रिश्तेदार के नाम भ्रष्टाचार करके जो कर रहा है जब सारी पोल खुलेगा व सब चींजे लोकायुक्त में व अन्य जगहों में जाएगी तब उसको पता चलेगा,वो मल्हनी में भाजपा की बुरी दशा होने वाली है इसलिए वो पागल हो गया इसलिए पागल लोगे का जवाब देना हम उचित नही समझते है और धमकी भरे लहजे में सपा विधायक ने 2022 के विधानसभा चुनाव में इसकी सीट पर समाजवादी लोग उसकी जमानत जब्त करा देंगे और मैं कह देना चाहता हूं कि लोकतंत्र में उसकी पहली और आखिरी सीट होगी।

जौनपुर का एक छोटा सा गाँव सुल्तानपुर जहाँ प्राथिमक विद्यालय के छात्र फर्राटे से बोलते अंग्रेजी,वीडियो देख आप भी देख कर रह जाएंगे दंग

जौनपुर। जनपद मुख्यालय से महज 5  किलोमीटर दुरी पर स्थित सुल्तानपुर गाँव जो सिरकोनी ब्लाक में है जहाँ के मासूमो को फर्राटे से बोलते छात्रों को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे और योगी सरकार में सरकारी स्कूलो में प्राथमिक शिक्षा की गुणवक्ता में सुधार होता जा रहा है। अब इन स्कूलो में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ को इग्लिश मीडिया से शिक्षा दी जा रही है। जिसका परिणाम है कि अब बच्चे कान्वेंट स्कूलो के छात्रो की तरह अंग्रेजी फर्राटे से बोल रहे है और पढ़ रहे।  शिक्षको ने अपने मेहनत से बच्चो को इग्लिश मीडियम से पढ़ा रहे है। जिसका परिणाम है जिस स्कूल से अभिभावक और बच्चे मुंह मोड़ चुके है उस विद्यालय में आज छात्रो को बैठने की जगह नही मिल रही है।
बता दें की जौनपुर जिले के सिरकोनी ब्लाक में स्थित छोटा सा गाँव सुल्तानपुर है जहाँ अब गरीबो के बच्चे भी इग्लिश माध्यम से पढ़ाई कर सकेगें वह भी मुफ्त में। यह बदलाव कोई एनजीओ ने नही बल्की वही सरकारी प्राथमिक विद्यालयो के शिक्षको ने कर दिखाया है। इसकी बानगी देखने को मिल रही है जौनपुर नगर सीमा से सटे सिरकोनी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर में। प्रधानाध्यापिका सरिता महेन्द्र सिंह, सहायक अध्यापक पवन सिंह, अमृता सिंह, शेखर श्रीवास्तव, विनोद कुमार  की अच्छी सोच के कारण यहां का माहौल पूरी तरह से किसी प्राईवेट कान्वेंट स्कूल तरह हो गया है। इस स्कूल के बच्चे टाट पट्टी पर नही बल्की उच्चकोटि के डेस्क बेंच पर बैठकर पढ़ाई कर रहे है। यहां पर तैनात टीचर कान्वेंट स्कूलो की तर्ज पर इग्लिश मीडियम से छात्र-छात्राओ को पढ़ा रहे है। इस स्कूल के बच्चे जहां हिन्द, मैथ समेत अन्य विषयो का शिक्षा प्राप्त कर रहे वही फर्राटे से इग्लिश पढ़ रहे है। सभी बच्चे दिनो के नाम सन डे, मन डे लिख रहे, बोल रहे है वही पोयम भी बेहिचक सुना रहे है। सब्जियो का नाम इग्लिश में लिख रहे है। इतना ही नही छात्र-छात्राएं स्कूल में आने वाले शिक्षको अभिभावको का अभिवादन इग्लिश में ही गुड मार्निगं गुड, गुड आफटर नून बोलकर करते है। शिक्षको की मेहनत के कारण आज स्कूल में बच्चो की संख्या बढ़ गयी है। शिक्षा की गुणवक्ता में सुधार होने से अब प्राथमिक विद्यालयो का दिन फिर से लौटता दिखाई पड़ रहा है। 

नाजुक हाथो कारीगरी ने लोगों को किया आश्चर्यचकित,किया ऐसा कारनामा की आप ये देखकर हो जाये अचम्भित


जौनपुर जिले में प्रतिभा की कमी नही है यहां के लोग अपने दम प दुनियां के कोने कोने मे जिले और देश का नाम रौशन कर रहे है। आज हम आप को ऐसे होनहार बच्चे के कौशल से रू ब रू कराने जा रहे है जिसने तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बल पर हवाई जहाज बनाया है। यह जहाज मछलीशहर रोडवेज परिसर में किसी बड़ी जहाज की तरह रन वे पर आकर उड़ान भरी तो देखने वालो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अपने इलाके की इस होनहार बेटे पर सबको नाज है। सभी उसकी प्रतिभा को सलाम कर रहे है। 
यह कोई एयरपोर्ट नही है जनाब यह जौनपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर खाखोपुर गांव है। इस गांव को एयरपोर्ट का स्वरूप किसी वैज्ञानिक या इंजिनियर नही बल्की इस गांव का कक्षा 7 का छात्र दीपक ने दिया है। 
इलाहाबाद मार्ग पर स्थित मछलीशहर तहसील के खाखोपुर गांव के निवासी रामधारी पटेल का 14 वर्षीय पुत्र दीपक पटेल को बचपन से ही हवाई जहाज बनाने का शौक है। वह तीन वर्ष पूर्व गुगल पर सर्च करके हवाई जहाज बनाने तरीका सिखा उसके बाद जहाज बनाना शुरू कर दिया। इस रिसर्च में उसका हजारो रूपये बरबाद हुआ इसके बाद भी उसने हिम्मत नही हारी जिसका परिणाम है आज उसका सपना साकार होकर आकाश की ऊंचाईयां छूने को आतुर है। दीपक ने हवाई जहाज बनाने में किन किन उपकरणो का प्रयोग किया है वह उसे गोपनीय रखते हुए बस इतना बताया कि इसमें इलेक्ट्रानिक उपकरण और मोटर का प्रयोग किया है। सभी सामान उसने दिल्ली से मंगाया है। 
अपने बेटे की प्रतिभा को भापते हुए पिता रामधारी पटेल ने पूरा साथ दिया। बेटे के कहने पर वह दिल्ली से इलेक्ट्रानिक सामान मगांकर देता रहा। आज बेटे की सफलता उसे नाज है। उसने यह भी कहा कि मेरे बेटा आगे जो भी सामान बनाना चाहेेगा मै उसका पूरा सहयोग करूंगा। 
दीपक की जहाज जब रन वे पर दौड़ी तो देखने वालो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पल भर में दीपक सपना आसमान में उड़ने लगा। 14 वर्षीय मासूम का कारनामा देखकर सभी उसके कसीदे पढ़ते हुए सरकार से मांग किया कि ऐसे प्रतिभाओ को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को कोई योजना बनाना चाहिए।